नीम एक भारत में कई जगहोपर पाए जाने वाला वृक्ष पेड़ है।भारत में ये तेजी से बढ़ता हुआ नजर आता है।और बड़ता भी हे
देश के पर्यावरण में ये एक बहुत ही अच्छी वनस्पति तथा इसे खूब उपयोगी पेड़ो में से एक माना जाता है।
इसी तरह आपको बता दे कि आयुर्वेद में भी इसकी बहोत ज्यादा बेहतरीन माना गया है।
खास कर देखा जाए तो नीम खाने में कड़वाहट होता है।इसका स्वाद कड़वापन देता है किन्तु ये बढ़िया पेड़ हे इसके पतियोके कई सारे फायदे दिखाई देते
नीम में पटिया, फूल , छाल ,बीज ये सब पाया जाता है।
घरेलू दवाई के गुणों से भरपूर होता ह।इसलिए ज्यादा इसतेमाल किया जाता हैं।नीम का वानस्पतिक नाम बताया जाए तो एजाधीराच्या इंडिका हे
नीम के पतियोकी फायदे
१ बालों के लिए
आपीने साधारण जिंदगी में हम देखते हे की बालो की समस्या परेशान दिखाई देती हैं बाल झड़ना डेंड्रफ होना ऐसे कई सारे लोग इससे परेशानी में भी रहेत्ते दिखते है इसमें बालो के लिए असरदार साबित हो सकता है नीम पाच से दस पतिया लेकर उनका ज्यूस निकालकर बालो में लगानेसे फायदा मिलता है इसका इस्तेमाल करने पे बालो को घना लंबा मोटा बनाया जा सकता है बालो के सेहत के लिए नीम का तेल भी इस्तमाल होता है उनके मजबूती के लिए नीम का तेल बेस्ट ऑप्शन होगा ये पतिया बालो के लिए बढ़िया सभित हो सकती है।
आज के दौर पर अम तौर पे देखा जाए तो hair लॉस एक बढ़ी समस्या दिखाई दे रही है अगर आपको भी झड़ते हुए दिखाई दे रहे है तो आप भी इसका इस्तमाल कर सकते इसे आपके बालों में मजबूती आयेगी और झड़ना रुख जाएगा
नीम के पानी से मसाज करने से भी भारी मात्रा में फायदा दिखाई देता है इसकी पत्तियों को पीसकर पानी में मिलाकर के बालो पर इस्तमाल कर सकते हो और बालो का स्वस्थ ठीक बना ले ये बालो के अंदर का डयांड्रफ कम करता रहता है और हैर फॉलिकल्स को मजबूत बनती है हेयर की समस्या दूर करनेकेलिए स्कैल्प हेल्दी होना जरूरी होता है इसको इस्तमाल करने पर हेलदी बनता ह।
२ दात और मसुडोकी बीमारी रोकने में
अपने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अगर देखा जाए तो गांव में रहेनेवाले लोग और कुछ सहरी एलोको मैं रेहेनेवाले लोग सुभे मे ब्रश करते समय दात को नीम की ट हनिसे दात को ब्रश करना पसंद करते है और उसिसे दात की सफाई कर लेते है।इसी से मुंह में से निकलने बदबू कम होती है।तथा दात को अक्सर देखा जाए तो कीड़े लगना बैक्टरियासे इंफेक्शन का फैलना ये सब बीमारियां होती है।नीम एस बीमारियों से राहत देता है और दात और मसुडोको ठीक ठाक रखने में काम आता है।
३ त्वच्या के लिए
नीम की पत्तियों में अंटिएक्सईडनएट पाया जाता और एंटीबैक्टीरियल भी मौजूद होता साथ ही में एंटीफंगल भी मौजुद होता है इस से त त्वच में होनेवाला रोगों से मुक्ति मिलती है। एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण नीम कई प्रकार के बैक्टीरिया फंगल इंफेक्शन को खतम करने में सहायक बनता हे।
4 खाद और पर्यावरण के लिए
भारत देश एक कृषि प्रधान देश माना गया है इस देश के किसानों को खेती करने के लिए अलग अलग रूप के खादो की जरूरत पड़ती है।पेड़ से गिरे हुए पतियोसेभी उसे मीठी में मिलाकर खाद बनाया जाता है ।
नीम के पेड़ की पतिय ज्यादा मात्रा में नीचे गिरती हे उसी पत्तियों से खाद बनता हैं।
तथा आज के वातावरण के लिए पेड़ो की जरूरत भारी मात्रा में दिखाई देती है पर्यावरण संतुलन रखना है तो पेड़ो का होना जरूरी है उसमे अपने पर्यावरण में इस पेड़ की संख्या भारी मात्रा में दिखाई देती है ये पर्यावरण के लिए जरूरी हे।
5 कई सारे समस्याओे से दूर रखता है
कई तरह के बैक्टेरियल इंफेक्शन को दूर रखता है ।
घाव ठीक करने में मड़तगार होता है।
पेट की पाचन समस्या को दूर रखता हैं ।
वैट कम करनेके काम अता हे ।
6 डायबिटीज में उपयोग
अपने देश में डायबिटीज से कई सारे लोग ग्रस्त है यह बीमारी एक बार अगर हुई तो जिंदगीभर इस बीमारी को कंट्रोल करना पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार नीम इसके लिए बेहतरीन काम करता है। नीम की पत्तियों को सुगर को कंट्रोल में लाने के लिए काफी अच्छा माना गया है ये सुगर की मात्रा को कम करके डेब डायबिटीज को रोकने में मददगार होता है।
कोनसे वातावरण में पाया जाता है
देखा जाए तो पर्यावरण के वातावरण में बदल होते रहेटे हे बारिश में वातावरण बदल होता है तथा ठंडियोम तथा धूप में
नीम का पेड़ हर जगा और हर वातावरण में पाया जाता है।
किसे नहीं करना चाहिए नीम का सेवन
जो महिलाएं प्रेगनेंट होती हे तथा बाहोत ही दुबले पतले लोग कमजोर लोग स्तनपान वाली महिलाएं छोटे बच्चे ज्यादा बुढ़ापे वाले लोग इनको नीम का सेवन नहीं करना चाहिए।