Papita Benefits( inHindi )पपीता से इतने फायदे

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पपीता इंसान के लिए बढ़िया फल माना जाता हैं।य फल बॉडी के लिए काफी फायदे का बनता है।पिकी हुई पपीता खा सकते है।पपीता एक लाल और पीले रंग का फल होता है और साथी ही मीठा और testy भी होता है।इस फल के अंदर काले रंग का बीज होता है। 

पपीता खानेसे मिलनेवाले फायदे के बारे में जानते हैं

१:दात के दर्द में आराम

पपीता दात में दर्द होता है उसमे गुणकारी होती है दात में दर्द जब महसूस होता है उस टाइम (time) पर इस फल का रस  लगाने से दात में  का दर्द काम होकर आराम मिल सकता है 

२:रोगप्रातिकराक सकती बढ़ाता है

ये फल खाने से रोगप्रतिकराक सकती बढ़ने में मदद मिलती है

एस फल में विटामिन सी c की मात्रा भरपूर मात्रा में पाई जाती है एक इंसान के बॉडी को जितने विटामिन c सी की जरूरत होती है उससे कई ज्यादा विटामिन इस पपीता फल के अंदर पाया जाता हैं इसलिए इसमें बीमारियों को रोकने के लिए रोग प्रतिकराक सकती मिलती हैं

३:  बजन कम करने में होता है लाभकारी

नियमित रूप से बॉडी की जरूरत  के मात्रा में पपीता खाने से इंसान की भूक में नियंत्रण आता है और बड़ा हुआ बजन्न कम होने में फायदा मिलता है।

४:  त्वचा के लिए 

हमने कई बार सुना है कि पिका हुआ पपीता हमारे स्वस्थ के लिए कितनी फायदेमंद होता है। ये पेट के स्वस्थ के लिए भी लड़ता है और इससे आराम पाया जाता है।

इसके साथ ही में ये बाल और त्वचा के लिए भी असरदार होता है त्वचा की गुणवत्ता में सुधार करता है।

अपनी त्वचा पर इसका उपयोग करके या फिर बस रस निकालकर पीकर ये अपनी त्वचा और बालों की भी देखभाल करता है। ये फल विटामिन सी का एक समृद्ध स्त्रोत हैं

इसे खाने से आपको स्वस्थ और चमकदार त्वचा प्रदान करता है।

५: बॉडी के लिए असरदार होता है 

ये फल बॉडी के लिए काफी असरदार साबित होता है।इस एक फल में विटामिन सी c विटामिन ए a पोटैशियम,फायबर,मंग्नशियाम,और प्रोटीन इसके साथ ही इसमें विटामिन के विटामिन ई e विटामिन बी b भी पाए जाते है।

साथ ही में कैंसर जैसे बिमारियोकेलिए भी असरदार होता है।

इंसान के अंदर की कमजोरी भी इसे खाने से कम होती  इसके साथ ही कई तरह के फायदे इससे होते है।

 

६: कौनसे स्टेट में पाया जाता है? 

आपको बता दे की ये फल भारत के कई स्टेट में पाया जाता है। उसमे एंद्रप्रदेश,कर्नाटक,गुजरात,महाराष्ट्र,पश्चिमबंगाल,असम,मध्यप्रदेश,केरल और हरियाणा में पाया जाता है।साथ ही वन्हा की खेती में इसका उत्पादन बड़े मात्रा में लिया जाता है।